जमीयत यूथ क्लब क्या और क्यों-?
मोहम्मद यासीन कासमी जहाज़ी [9871552408]
अनुवाद ; अनवार अहमद नूर [9811141899 ]
जुलाई 2018 में 24 दिनांक दिन सोमवार को शहर देवबन्द में जमीयत उलमा ए हिन्द के नेत्रत्व में लगभग पिछले चार वर्षो से चल रहे भारत स्काउट एंड गाइड का एक कौशलता पूर्ण आयोजन हुआ और इसी प्रोग्राम में जमीयत यूथ क्लब को भी परिचित कराया गया ,कौशलता एवं प्रदर्शन वाले इस आयोजन में प्राथमिक सहायता [फ़र्स्ट ऐड ] और प्रभावितों को राहत देने का कार्य कैसे किया जाये और अपने अन्दर जनसेवा करने का भाव कैसे भरा जाये इसके उपायों पर प्रशिक्षण से भरा प्रदर्शन किया गया .प्रदर्शन की यह खबर मिडिया में जंगल में आग की तरह फैली और कुछ चैनलों ने सच्चाई से मुहं मोड़ते हुए प्रोग्राम को कुछ नकारात्मक भूमिका वाली संस्थाओं की गतिविधियों से जोड़ दिया .यह खबर वायरल हो जाने की वजह से लोगों में सच्चाई जानने की जिज्ञासा पैदा हुई यह लेख इसी जिज्ञासा की संतुष्टि के लिए एक प्रयास है
सबसे पहला प्रश्न यह है कि जमीयत यूथ क्लब क्या है ? यह तो आप जानते ही हैं कि विभिन्न राजनीतिक और अराजनीतिक संस्थाओं को कार्यशील रखने के लिए कैडर और वालंटियर की आवश्यकता होती है जो लगभग हर जीवित सरगर्म संगठनों और पार्टियों के पास होते हैं जमीयत भी इसी उद्देश्य से अपने वालंटियर को जोड़ने का कार्य कर रही है जिसको जमीयत यूथ क्लब का नाम दिया गया है इस सवाल का एक जवाब तो यह था और दूसरा जवाब यह है कि जमीयत यूथ लकब कोई नया मामला नहीं है बल्कि 20वा महाधिवेशन जो 9/10/11—1960 में स्वीक्रत जमीयत उलमा ए हिन्द के संविधान-नियमावली की धारा 93 में दर्ज खुद्दाम मिल्लत के गठन के तहत उसका मूल व संरचनात्मक ढांचा है जिसका नाम जमीयत यूथ क्लब रखा गया है यह क्लब बुज़ुर्गों के सपनों को साकार करने का सुनहरा शीर्षक है और समय की आवश्यकता है यह क्लब जमीयत उलमा हिन्द के अध्यक्ष हज़रत मौलाना क़ारी सय्यद मोहम्मद उस्मान मंसूरपुरी और हज़रत मौलाना सय्यद महमूद असद मदनी महासचिव जमीयत उलमा हिन्द की दूरदर्शिता का परिणाम है और भारत वर्ष में इस्लाम धर्म के स्वर्णिम भविष्य का संकेत भी है जैसा कि आप जानते हैं कि जमीयत उलमा ए हिन्द का हर कार्य क़ुरान व हदीसों के निर्देशों के अनुसार किया जाता है इसलिए इस क्लब के भी दो मूल उद्देश्य हैं जिनके हवाले हदीसों में मौजूद हैं
1-शक्तिशाली मोमिन तैयार करना ,
इस उद्देश्य का स्रोत नबी करीम [सल्ल०] का यह फरमान है कि [अनुवाद ] ताकतवर मोमिन अल्लाह के नजदीक कमज़ोर मोमिन से ज़्यादा बेहतर और महबूब है
2-मानवता का जन – सेवक बनाना
यह इस नबवी फरमान का व्यवहारिक प्रमाण है कि [अनुवाद] यानि लोगों को लाभ पहुँचाने वाला सबसे अधिक बेहतर शख्स [व्यक्ति ]होता है
इन दोनों उद्देश्यों की पूर्ती करते हुए जमीयत उलमा हिन्द के संविधान –बायलाज की धारा 93 सूची नम्बर -2 में कहा गया है कि जमीयत उलमा ए हिन्द के निर्देशों के अनुसार
समाजी और जमाअती सेवाएं अंजाम देना 2 – बिना किसी धर्म –वर्ग के भेदभाव के असहायों की सहायता और जनसेवा करना 3 – शांति स्थापना देश सुरक्षा और देश की तरक्की के प्रोग्रामों में स्वयं और दूसरी संस्थाओं के साथ भाग लेना
4 –मुसलमानों में दीनी रुझान पैदा करना 5 –स्काउटिंग के तरीक़े पर प्रशिक्षण प्राप्त करना
देवबन्द में आयोजित प्रोग्राम के अवसर पर इस क्लब के परिचय व कार्यशैली पर आधारित जो विवरणिका –पुस्तिका प्रस्तुत की गयी है उसमें लिखित उपरोक्त नियम व उद्देश्यों के अलावा प्रवेश –सदस्यता की शर्तें भी बताई गयी हैं जो संविधान –बायलाज की धारा 93 सूची न० -3 से ली गयी है संविधान का विवरण यह है कि-; 3 –प्रवेश की शर्तें -; इस संस्था में हर वह व्यस्क [बालिग़ ] और बुद्धिवान मुसलमान दाख़िल हो सकता है जो जमीयत उलमा हिन्द के उद्देश्यों और कार्यशैली से पूर्ण सहमत हो
1-जमीयत उलमा हिन्द के निर्देशों का पालन करने और उसके प्रोग्रामों को सफ़ल बनाना
2 –धर्म का सम्मान और जहाँ तक सम्भव हो शरीयत का पालन करना
3 – नेक चलन रहने ,जनसेवा और हर एक के साथ सद्व्यवहार का प्रण करें
4 – जमीयत उलमा ए हिन्द का पारित शपथ पत्र स्वीकार करें
5 –उसकी उम्र कम से कम 18 वर्ष हो और शारीरिक ताकत के सम्बन्ध से स्वयं सेवक सेवाएं करने की योग्यता रखता हो
पुस्तिका -विवरणिका में इसके अलावा क्लब का झंडा ,वर्दी और संस्था के संगठनात्मक विवरण पर भी प्रकाश डाला गया है इसलिए इसके अनुसार जमीयत उलमा ए हिन्द का झंडा ही इस क्लब का झंडा होगा इसके अलावा टोपी और पोशाक पर जमीयत का मोनोग्राम उसकी वर्दी का भाग होगा और इन सबके हवाले संविधान की धारा -93 की सूचियों में मौजूद हैं
जमीयत यूथ क्लब का प्रस्तुत किया संविधान – बायलाज और कार्य प्रणाली के अनुसार इसके तीन प्रोसेस हैं इसमें शामिल होने वालों को सबसे पहले भारत स्काउट एंड गाइड की ट्रेनिंग दी जाएगी इसके बाद जमीयत यूथ क्लब में शामिल किया जायेगा और फिर उसमे से चयनित लोगों को खुद्दाम – ए –मिल्लत का मेम्बर बनाया जायेगा और यही लोग जमीयत उलमा ए हिन्द के असली खादिम और वालंटियर बनेगें
इसकी ट्रेनिंग में दो प्रकार की ट्रेनिंग का वर्णन किया गया है जो दोनों इसके दोनों मूलभूत उद्देश्यों के द्रष्टिगत निर्धारित किये गये हैं पहला उद्देश्य ताकतवर मोमिन बनाने के लिए शारीरिक ट्रेनिंग को अनिवार्य किया गया है जिसमें स्काउट की ट्रेनिंग आवश्यक की गयी है और दूसरा उद्देश्य लाभदायक मोमिन बनाने के लिए मानसिक प्रशिक्षण को रखा गया है जिसके अनुसार दो एक्शन प्लान हैं लघु व दीर्घ अवधि वाले प्लान ! लघु अवधि प्लान में जनवरी 2019 तक दस हज़ार नौजवानों को क्लब का मेम्बर बनाने का टारगेट [ध्येय ] रखा गया है जबकि लम्बी अवधि वाले प्लान में दस वर्षीय प्लान पेश किया गया है इसके अनुसार आने वाले 2028 तक सवा करोड़ नौजवानों को इससे जोड़ा जायेगा इसका अर्थ यह हुआ कि हर साल बारह लाख पचास हज़ार लोगों को मेम्बर बनाया जायेगा
संविधान – बायलाज में संस्था के संगठनात्मक ढांचे का विवरण भी दिया गया है जिससे छह पदों का वर्णन किया गया है सबसे छोटी यूनिट के ज़िम्मेदार का नाम मानीटर रखा गया है जो दस लोगों पर होगा इसके बाद दूसरा पद आर्गनाइज़र का है जो हर पांच मानीटर यानि पचास लोगों पर होगा तीसरा पद नकीब का है जो पांच ऑर्गनाइज़र यानि दो सौ पचास लोगों पर चयनित किया जायेगा नकीब के बाद राईद होगा जो पांच नकीब यानि एक हज़ार दो सौ पचास लोगों पर चयनित होगा फिर पांच राईद यानि छह हज़ार दो सौ पचास लोगों पर रियासती सालार होगा और सारे रियासती सालार राष्ट्रीय स्तर पर चयनित सालार ए मिल्लत के आधीन होंगे
इस तरह खुद्दाम ए मिल्लत के पदाधिकारियों का विवरण भी दिया गया है जिनमें पांच पदों का सिलसिला है उच्च स्तर से केन्द्रीय ,राज्य ,ज़िला नाज़िम सेक्रेटरी आर्गनाइज़र,आर्गनाइजिंग मेम्बर और आम सदस्य हैं किसी भी अभियान –आन्दोलन के टारगेट का निर्धारण उसके उद्देश्यों से किया जाता है जमीयत यूथ क्लब के संविधान की पुस्तिका और जमीयत उलमा ए हिन्द के केन्द्रीय अध्यक्ष व सचिवों के बचाने की रोशनी में यह कहा जा सकता है कि भारतीय संविधान और कानून के अन्दर रहते हुए यहां के मुस्लिम नागरिकों को मुल्क व मिल्लत और इंसानियत के लिए कारगर –उपयोगी बनाने के लिए जमीयत यूथ क्लब का गठन है पीड़ितों ,असहायों की आह सुनना और जनसेवा के लिये सदैव तत्पर रहना इसके सदस्यों की विशेष पह्चान होगी इससे जुड़े लोग दीनी प्रभाव से इस तरह भरपूर होंगे कि उनकी ज़िन्दगी नबी की सीरत के नमूने बन जायेंगे और रहमतुल्ल आलमीन के उम्मती अपने अन्दर जनसेवा के भाव से भरे होंगे और जिस संस्था अभियान के यह उद्देश्य हों उसे किसी नकारात्मक भूमिका वाली संस्था से जोड़ना वास्तव में सच्चाई को मुहं चिढ़ाना होगा इसलिए जो लोग इसके ख़िलाफ़ गलत बयान से काम ले रहे हैं वह वास्तव में ईर्ष्या ,घ्रणा और नकारात्मक विचार –चरित्र के समर्थक –पालक हैं जिन्हें सच्चाई और इंसानी हमदर्दी से चिढ़ है आइये दुआ करें अल्लाह ताअला इस अभियान को घटिया सोच हरकतों एवं षड़यंत्रों से सुरक्षित रखे और उसे कौम व मिल्लत और भारत के लिए लाभकारी बनाये! आमीन!
मोहम्मद यासीन कासमी जहाज़ी [9871552408]
अनुवाद ; अनवार अहमद नूर [9811141899 ]
जुलाई 2018 में 24 दिनांक दिन सोमवार को शहर देवबन्द में जमीयत उलमा ए हिन्द के नेत्रत्व में लगभग पिछले चार वर्षो से चल रहे भारत स्काउट एंड गाइड का एक कौशलता पूर्ण आयोजन हुआ और इसी प्रोग्राम में जमीयत यूथ क्लब को भी परिचित कराया गया ,कौशलता एवं प्रदर्शन वाले इस आयोजन में प्राथमिक सहायता [फ़र्स्ट ऐड ] और प्रभावितों को राहत देने का कार्य कैसे किया जाये और अपने अन्दर जनसेवा करने का भाव कैसे भरा जाये इसके उपायों पर प्रशिक्षण से भरा प्रदर्शन किया गया .प्रदर्शन की यह खबर मिडिया में जंगल में आग की तरह फैली और कुछ चैनलों ने सच्चाई से मुहं मोड़ते हुए प्रोग्राम को कुछ नकारात्मक भूमिका वाली संस्थाओं की गतिविधियों से जोड़ दिया .यह खबर वायरल हो जाने की वजह से लोगों में सच्चाई जानने की जिज्ञासा पैदा हुई यह लेख इसी जिज्ञासा की संतुष्टि के लिए एक प्रयास है
सबसे पहला प्रश्न यह है कि जमीयत यूथ क्लब क्या है ? यह तो आप जानते ही हैं कि विभिन्न राजनीतिक और अराजनीतिक संस्थाओं को कार्यशील रखने के लिए कैडर और वालंटियर की आवश्यकता होती है जो लगभग हर जीवित सरगर्म संगठनों और पार्टियों के पास होते हैं जमीयत भी इसी उद्देश्य से अपने वालंटियर को जोड़ने का कार्य कर रही है जिसको जमीयत यूथ क्लब का नाम दिया गया है इस सवाल का एक जवाब तो यह था और दूसरा जवाब यह है कि जमीयत यूथ लकब कोई नया मामला नहीं है बल्कि 20वा महाधिवेशन जो 9/10/11—1960 में स्वीक्रत जमीयत उलमा ए हिन्द के संविधान-नियमावली की धारा 93 में दर्ज खुद्दाम मिल्लत के गठन के तहत उसका मूल व संरचनात्मक ढांचा है जिसका नाम जमीयत यूथ क्लब रखा गया है यह क्लब बुज़ुर्गों के सपनों को साकार करने का सुनहरा शीर्षक है और समय की आवश्यकता है यह क्लब जमीयत उलमा हिन्द के अध्यक्ष हज़रत मौलाना क़ारी सय्यद मोहम्मद उस्मान मंसूरपुरी और हज़रत मौलाना सय्यद महमूद असद मदनी महासचिव जमीयत उलमा हिन्द की दूरदर्शिता का परिणाम है और भारत वर्ष में इस्लाम धर्म के स्वर्णिम भविष्य का संकेत भी है जैसा कि आप जानते हैं कि जमीयत उलमा ए हिन्द का हर कार्य क़ुरान व हदीसों के निर्देशों के अनुसार किया जाता है इसलिए इस क्लब के भी दो मूल उद्देश्य हैं जिनके हवाले हदीसों में मौजूद हैं
1-शक्तिशाली मोमिन तैयार करना ,
इस उद्देश्य का स्रोत नबी करीम [सल्ल०] का यह फरमान है कि [अनुवाद ] ताकतवर मोमिन अल्लाह के नजदीक कमज़ोर मोमिन से ज़्यादा बेहतर और महबूब है
2-मानवता का जन – सेवक बनाना
यह इस नबवी फरमान का व्यवहारिक प्रमाण है कि [अनुवाद] यानि लोगों को लाभ पहुँचाने वाला सबसे अधिक बेहतर शख्स [व्यक्ति ]होता है
इन दोनों उद्देश्यों की पूर्ती करते हुए जमीयत उलमा हिन्द के संविधान –बायलाज की धारा 93 सूची नम्बर -2 में कहा गया है कि जमीयत उलमा ए हिन्द के निर्देशों के अनुसार
समाजी और जमाअती सेवाएं अंजाम देना 2 – बिना किसी धर्म –वर्ग के भेदभाव के असहायों की सहायता और जनसेवा करना 3 – शांति स्थापना देश सुरक्षा और देश की तरक्की के प्रोग्रामों में स्वयं और दूसरी संस्थाओं के साथ भाग लेना
4 –मुसलमानों में दीनी रुझान पैदा करना 5 –स्काउटिंग के तरीक़े पर प्रशिक्षण प्राप्त करना
देवबन्द में आयोजित प्रोग्राम के अवसर पर इस क्लब के परिचय व कार्यशैली पर आधारित जो विवरणिका –पुस्तिका प्रस्तुत की गयी है उसमें लिखित उपरोक्त नियम व उद्देश्यों के अलावा प्रवेश –सदस्यता की शर्तें भी बताई गयी हैं जो संविधान –बायलाज की धारा 93 सूची न० -3 से ली गयी है संविधान का विवरण यह है कि-; 3 –प्रवेश की शर्तें -; इस संस्था में हर वह व्यस्क [बालिग़ ] और बुद्धिवान मुसलमान दाख़िल हो सकता है जो जमीयत उलमा हिन्द के उद्देश्यों और कार्यशैली से पूर्ण सहमत हो
1-जमीयत उलमा हिन्द के निर्देशों का पालन करने और उसके प्रोग्रामों को सफ़ल बनाना
2 –धर्म का सम्मान और जहाँ तक सम्भव हो शरीयत का पालन करना
3 – नेक चलन रहने ,जनसेवा और हर एक के साथ सद्व्यवहार का प्रण करें
4 – जमीयत उलमा ए हिन्द का पारित शपथ पत्र स्वीकार करें
5 –उसकी उम्र कम से कम 18 वर्ष हो और शारीरिक ताकत के सम्बन्ध से स्वयं सेवक सेवाएं करने की योग्यता रखता हो
पुस्तिका -विवरणिका में इसके अलावा क्लब का झंडा ,वर्दी और संस्था के संगठनात्मक विवरण पर भी प्रकाश डाला गया है इसलिए इसके अनुसार जमीयत उलमा ए हिन्द का झंडा ही इस क्लब का झंडा होगा इसके अलावा टोपी और पोशाक पर जमीयत का मोनोग्राम उसकी वर्दी का भाग होगा और इन सबके हवाले संविधान की धारा -93 की सूचियों में मौजूद हैं
जमीयत यूथ क्लब का प्रस्तुत किया संविधान – बायलाज और कार्य प्रणाली के अनुसार इसके तीन प्रोसेस हैं इसमें शामिल होने वालों को सबसे पहले भारत स्काउट एंड गाइड की ट्रेनिंग दी जाएगी इसके बाद जमीयत यूथ क्लब में शामिल किया जायेगा और फिर उसमे से चयनित लोगों को खुद्दाम – ए –मिल्लत का मेम्बर बनाया जायेगा और यही लोग जमीयत उलमा ए हिन्द के असली खादिम और वालंटियर बनेगें
इसकी ट्रेनिंग में दो प्रकार की ट्रेनिंग का वर्णन किया गया है जो दोनों इसके दोनों मूलभूत उद्देश्यों के द्रष्टिगत निर्धारित किये गये हैं पहला उद्देश्य ताकतवर मोमिन बनाने के लिए शारीरिक ट्रेनिंग को अनिवार्य किया गया है जिसमें स्काउट की ट्रेनिंग आवश्यक की गयी है और दूसरा उद्देश्य लाभदायक मोमिन बनाने के लिए मानसिक प्रशिक्षण को रखा गया है जिसके अनुसार दो एक्शन प्लान हैं लघु व दीर्घ अवधि वाले प्लान ! लघु अवधि प्लान में जनवरी 2019 तक दस हज़ार नौजवानों को क्लब का मेम्बर बनाने का टारगेट [ध्येय ] रखा गया है जबकि लम्बी अवधि वाले प्लान में दस वर्षीय प्लान पेश किया गया है इसके अनुसार आने वाले 2028 तक सवा करोड़ नौजवानों को इससे जोड़ा जायेगा इसका अर्थ यह हुआ कि हर साल बारह लाख पचास हज़ार लोगों को मेम्बर बनाया जायेगा
संविधान – बायलाज में संस्था के संगठनात्मक ढांचे का विवरण भी दिया गया है जिससे छह पदों का वर्णन किया गया है सबसे छोटी यूनिट के ज़िम्मेदार का नाम मानीटर रखा गया है जो दस लोगों पर होगा इसके बाद दूसरा पद आर्गनाइज़र का है जो हर पांच मानीटर यानि पचास लोगों पर होगा तीसरा पद नकीब का है जो पांच ऑर्गनाइज़र यानि दो सौ पचास लोगों पर चयनित किया जायेगा नकीब के बाद राईद होगा जो पांच नकीब यानि एक हज़ार दो सौ पचास लोगों पर चयनित होगा फिर पांच राईद यानि छह हज़ार दो सौ पचास लोगों पर रियासती सालार होगा और सारे रियासती सालार राष्ट्रीय स्तर पर चयनित सालार ए मिल्लत के आधीन होंगे
इस तरह खुद्दाम ए मिल्लत के पदाधिकारियों का विवरण भी दिया गया है जिनमें पांच पदों का सिलसिला है उच्च स्तर से केन्द्रीय ,राज्य ,ज़िला नाज़िम सेक्रेटरी आर्गनाइज़र,आर्गनाइजिंग मेम्बर और आम सदस्य हैं किसी भी अभियान –आन्दोलन के टारगेट का निर्धारण उसके उद्देश्यों से किया जाता है जमीयत यूथ क्लब के संविधान की पुस्तिका और जमीयत उलमा ए हिन्द के केन्द्रीय अध्यक्ष व सचिवों के बचाने की रोशनी में यह कहा जा सकता है कि भारतीय संविधान और कानून के अन्दर रहते हुए यहां के मुस्लिम नागरिकों को मुल्क व मिल्लत और इंसानियत के लिए कारगर –उपयोगी बनाने के लिए जमीयत यूथ क्लब का गठन है पीड़ितों ,असहायों की आह सुनना और जनसेवा के लिये सदैव तत्पर रहना इसके सदस्यों की विशेष पह्चान होगी इससे जुड़े लोग दीनी प्रभाव से इस तरह भरपूर होंगे कि उनकी ज़िन्दगी नबी की सीरत के नमूने बन जायेंगे और रहमतुल्ल आलमीन के उम्मती अपने अन्दर जनसेवा के भाव से भरे होंगे और जिस संस्था अभियान के यह उद्देश्य हों उसे किसी नकारात्मक भूमिका वाली संस्था से जोड़ना वास्तव में सच्चाई को मुहं चिढ़ाना होगा इसलिए जो लोग इसके ख़िलाफ़ गलत बयान से काम ले रहे हैं वह वास्तव में ईर्ष्या ,घ्रणा और नकारात्मक विचार –चरित्र के समर्थक –पालक हैं जिन्हें सच्चाई और इंसानी हमदर्दी से चिढ़ है आइये दुआ करें अल्लाह ताअला इस अभियान को घटिया सोच हरकतों एवं षड़यंत्रों से सुरक्षित रखे और उसे कौम व मिल्लत और भारत के लिए लाभकारी बनाये! आमीन!